लेखक, के. नाथ के विषय मे ,

चार दशकों से अधिक उघोग एवं व्यवसाय के सिलसिले मे पांच महाद्वीपों मे रखड़ते हुए लगभग देढ़दशको से अधिक का विश्व राजनौतिक और अधिकि जगह पर अघ्ययन के व्यसन ने एक नई शरुआत को प्रेरित किया है | रूचि का भौगोलिक क्षेत्र नील नदी और सिन्घ नदी के बीच का भूभाग है | दो  पुस्तकें , ‘’ बलोचिस्तान : एक सुलगता ज्वालामुखी ‘’ जोकि प्रकाशित होने वाली है, और दूसरी ‘’ पाइपलाइनिस्ता : ग्रेट गेम की नई बिसात ‘’ लगभग पूरी होने की है | www.mudrarakchas.com  पर लेखक की अन्य रचनाएँ पढ़ी जा सकती हैं |